69+Bewafa shayari for heart broking lover | बेवफा शायरी दिल टूटने वाली


bewafa shayari


बेवफा शायरी |टूटे हुए दिलों के लिए बेवफा शायरी


इक अजब हाल है कि अब उस को
याद करना भी बेवफ़ाई है

चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का
सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही


बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा
क़हर होता जो बा-वफ़ा होता

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की


हम उसे याद बहुत आएँगे
जब उसे भी कोई ठुकराएगा


वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बेवफ़ाई में भी
मैं उस की क़ैद में हूँ क़ैद से रिहाई में भी


वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।


बहुत अजीब हैं ये मोहब्बत करने वाले,
बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं।




यूँ है सबकुछ मेरे पास बस दवा-ए-दिल नही,
दूर वो मुझसे है पर मैं उस से नाराज नहीं,
मालूम है अब भी मोहब्बत करता है वो मुझसे,
वो थोड़ा सा जिद्दी है लेकिन बेवफा नहीं।


रुशवा क्यों करते हो तुम इश्क़ को, ए दुनिया वालो,
मेहबूब तुम्हारा बेवफा है, तो इश्क़ का क्या गनाह।


क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों,
वो हमसे इश्क सीखती रही किसी ओर के लिए।


हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर,
और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर।


आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है
बेवफ़ाई कभी कभी करना
- बशीर बद्र

दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुम ने
बेवफ़ाई के भी आदाब हुआ करते हैं
- महताब आलम


हम इश्क़ में वफ़ा करते करते बेहाल हो गए,
और वो बेवफाई करके भी खुशहाल हो गए।
मोहब्बत में ऐसा क्यों होता है,
बेवफाई में वो रोते हैं और वफ़ा में हम रोए हैं।


सब कुछ होते हुए भी इस दिल का दर्द नहीं जाता,
क्यूंकि किस्मत ने हमें Bewafai बना दिया।


दुनिया वालों का भी अजीब दस्तूर है बेवफाई मेहबूब से मिलती है ,
और बेवफा मोहब्बत बन जाती है।


मुझे बेवफाई नहीं चाइये थी,
मुझे धोका नहीं चाइये था,
मुझे तो बस थोड़ा सा प्यार चाइये था!!


एक दौर था वो हर वक़्त मेरी फ़िक्र करने वाली ,
हर समय मेरे बारे मैं सोचने वाली कहाँ चली गई,
वफ़ा करने वाली, bewafai करके चली गयी !


हमने ये सोचा वो वापिस आए हमारी मोहब्बत के लिए,
मगर वो बेवफा वापिस आए सिर्फ अपने काम के लिए!


दिल ढूढें जिसे जो बेवफा है
जो किसी और का हो गया, बेवफाई करके हमें रोता हुआ छोड़ गया
… फिर भी ये दिल उसको ही ढूंढ़ता है, ये कैसी चाहत हे यारों…? जो बेवफा हे…



बहुत ही अजीब लड़की थी वो यार,
पहले मेरी ज़िन्दगी बदली फिर खुद ही बदल गयी !!


.आख़िरी दीदार करले मेरी लाश तेरी गली से गुज़र रही है,
देखले मैंने मरने के बाद भी रास्ता नहीं बदला !!


ज़्यादा कुछ तो नहीं माँगा था हमने तुमसे,
एक साथ ही तो माँगा था वो भी ना दे पाए तुम !!


इसमें में भी शुक्र अदा करता हूँ तुम्हें हासिल ना कर पाए हम,
अगर हासिल होकर बिछड़ते तो सच में क़यामत होती !!


मुझे मालूम था कि तेरी मोहब्बत के हर जाम में ज़हर है,
मगर पिलाने में मोहब्बत इतनी थी चाहकर भी मना ना कर सकें हम !!



पत्थर दिल हूँ फरेबी हूँ और बहुत ज़्यादा ज़िद्दी भी हूँ,
क्योंकि अब मासूमियत खो दी मैंने वफ़ा करते-करते !!


उन पंछियों को मैं कभी भी अपने दिल के पिंजरे में कैद नहीं रखता,
जो मेरे दिल के पिंजरे में रहकर किसी और के साथ उड़ने का ख़्वाब देखते हो !!


बहुत दूर तक चले आए थे तेरी झूठी कसमों को सच्चा मानकर,
अब मोहब्बत के पँखो से दिखाऊंगा तुझे मैं नफरत की उड़ान !!


सुनने में आया है कि तुमने नफ़रत की दुकान खोल ली है,
मेरी एक बात मानना थोड़ी मोहब्बत भी रख लेना दिखावे के लिए काम आएगी !!




दिल.मारने.वाले आंखों से रोते नहीं हैं,
जो अपने नहीं बने हैं वो किसी के नहीं बने हैं,
वक्त हमेशा हमें सिखाता है कि सपने टूटे हैं
लेकिन पूरे नहीं होते।


कुछ टूटने की खबर आंसू है,
हमारे जीवन का अखबार आँसू है।
घटनाएं सभी हल्की हैं,
फिर भी भारी आँसू निकल रहे हैं।


हालांकि हजारों हैं, मैं इसमें आपका अपना दीपक हूं,
मुझे नहीं पता कि आप मेरे हैं।
मैं.आपको भी.प्यार.करने जा रहा हूं।


जवाब है सब कुछ दे देना,
जो लोग मेरे रिश्ते की अहमियत को नहीं समझ पाए हैं,
वो अब भी मेरी बातों को क्या समझेंगे?


सच में प्यार भी कितना अजीब होता है
, जिसे मैं कभी नहीं जानता था
, आज बहुत दर्द होता है


समय के साथ, वास्तव में,
प्यार कभी नहीं बदलता
है अगर यह सच्चा प्यार है।




मैं खुश था, मैं ठीक था,
जब मैं अकेला था
, जब तुम चले गए
, तुमने मुझे क्यों देखा ?




मुझे बहुत कम समय में बहुत प्यार
हुआ इसलिए शायद मुझे बहुत कम समय में बहुत रोना पड़े।




इस दुख भरी जिंदगी में कोई भी
मेरे साथी
के साथ दुख बांटने को
राजी नहीं है


हर भूल तेरी माफ़ की
तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का
तूने बेवफाई सिला दिया।


आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था,
आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था,
जो गीत लिखे थे कभी प्यार में तेरे,
वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था।



Prakash Roy

Prakash Roy, the founder of pktric.club. I have completed B Tech in-stream Electrical & Electronic Engineering. I love to share my knowledge and Creativity.....

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