69+ Sad shayari | सैड शायरी हिंदी में

Sad shayari

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ऐसा भी क्या जीना मेरा,
की पल पल तड़पता हूं मैं,
किसी की याद में किसी के इंतजार में,
रोज़ जीता रोज़ मरता हूं मैं।


नजरों से देखो तो आबाद हैं हम,
दिल से देखो तो बर्बाद हैं हम,
जीवन का हर लम्हा दर्द से भर गया है,
फिर कैसे कह दें आज़ाद हैं हम।



आँखों में आ जाते हैं आंसू,
फिर भी लबों पे हँसी रखनी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज है यारों,
जिस से करते हैं उसी से छुपानी पड़ती है।




जिंदगी से शिकवा नहीं कि
उसने गम का आदी बना दिया,
गिला तो उनसे है जिन्होंने रोशनी की
उम्मीद दिखा के दिया ही बुझा दिया।




जिंदगी का हर ज़ख्म उसकी मेहरबानी है,
मेरी जिंदगी एक अधूरी कहानी है,
मिटा देता हूं मैं सीने से हर दर्द,
लेकिन ये दर्द उसकी आखरी निशानी है।




मुझे भी सिखा दो
भूल जाने का हुनर,
मैं थक गया हूं, हर लम्हा
हर सांस तुम्हे याद करते करते।




चले जायेंगे एक दिन
तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,
कदर क्या होती है,
ये तुझे वक्त बताएगा।




चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल,
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं,
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम,
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।




एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।




रुसवा कर के निकला तेरे शहर वालों ने मगर,
तू अब भी यही सोंच, मैं तुझे छोड़ आया।




सिर्फ चेहरे की उदासी से
भर आये तेरी आँखों में आँसू,
मेरे दिल का क्या आलम है
ये तो तू अभी जानता ही नहीं।




आँसू आ जाते है रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,
काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।




कुछ लोग मुझे
अपना कहा करते थे साहब !
सच में वो लोग सिर्फ कहा ही करते थे !!




एक वो था बदल गया,
एक में था बिखर गया,
एक वक़्त था गुज़र गया।




अच्छे होते हैं वो लोग जो आकर चले जाते हैं,
थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं।




मोहब्बत का दर्द दिल में छुपाया बहुत है,
सच कहुँ उसकी मोहब्बत ने रुलाया बहुत है।




कुछ जख़्म सदियों के बाद भी
ताज़ा रहते है,
फ़राज़ वक़्त के पास भी
हर मर्ज़ की दवा नहीं होती।।




सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।




दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।




वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।




होले होले कोई याद आया करता है,
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।




सच जान लो अलग होने से पहले,
सुन लो मेरी भी अपनी सुनने से पहले,
सोच लेना मुझे भुलने से पहले,
रोई है बहुत ये आंखे मुस्कुराने से पहले।




सांस लेने से तेरी याद आती है,
सांस नहीं लेता तो जान भी जाती है,
कह दू कैसे की इस सांस से जिंदा हूं मै,
ये सांस भी तो तेरी याद के बाद ही आती है।




जिंदगी तो कट ही जाती है,
बस यही एक जिंदगी भर,
गम रहेगा की हम उसे ना पा सके।

तेरे जाने के गम में रो कर रात गुजरती है,
आखिर क्यों तूने मुझे धोखा दिया,
तेरे बिना जिंदगी अब अधूरी सी लगती है,
किस लिए तूने मुझे अकेला छोड़ दिया।




उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं;
आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं;
झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं,
और सच कहूँ, तो आपकी यादो के
सिवा कुछ भी नहीं।

उन्हें चाहना मेरी कमज़ोरी हैं;
उनसे कह नहीं पाना मेरी मज़बूरी हैं;
वो क्यों नहीं समझते मेरी खामोशी;
क्या प्यार का इज़हार करना जरुरी हैं।




मेरी तन्हाई को मेरा शौक मत समझना,
क्योंकि किसी अपने ने ये बहुत प्यार से दिया था तोहफे में।




मोहब्बत कभी झूठी नही होती है,
झूठे तो कसमे, वादे और लोग होते हैं।




इश्क़ ऐसा था कि उनको बता ना सके,
चोट थी दिल पे जो दिखा ना सके,
नहीं चाहते थे हम उनसे दूर होना,
लेकिन दूरी इतनी थी कि हम मिटा ना सके।




अकेला छोड़ कर मुझे तुम तनहा कर गए,
अधूरा सा मेरा हर लम्हा कर गए,
प्यार क्यों किया मुझसे अगर निभाना ना था,
बस जिंदा है अब ये शरीर,मेरे जज्बात मर गए।




वो दर्द दे गए सितम भी दे गए,
ज़ख्म के साथ वो मरहम भी दे गए,
ओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्का,
हमे कभी न रोने की कसम दे गए।




कहाँ कोई मिला ऐसा जिसपे दिल लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया किस किसको भुला देते,
अपने दर्द को दिल ही में दवाये रखा,
करते बयां तो महफ़िलों को रुला देते।




हम जले तो सब चिराग समझ बैठे,
जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे,
मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा,
शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे।




कुछ रिश्ते आजकल
उस रास्ते पर जा रहे हैं,
न साथ छोड़ रहे हैं,
और न ही साथ निभा पा रहे हैं…




अब न करेंगे,
तुमसे कोई सवाल,
काफी हक़ जताने लगे थे तुमपर,
माफ करना यार..

अजीब हैं मेरा अकेलापन
न तो खुश हूँ,
न ही उदास हूँ,
बस खाली हूँ
और खामोश हूँ..




एक उम्र बीत चली हैं,
तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर हैं,
कल की तरह..




तेरी एक झलक पाने के लिए,
तरश जाता हैं मेरा दिल,
खुश किस्मत हैं वो लोग
जो तुझे रोज देखते हैं..




जख्म ही देना था,
तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
मगर कम्बख्त तूने तो,
हर वार दिल पर ही किया..




हमने सोचा था,
बताएंगे दिल का दर्द तुझको,
पर तुमने तो इतना भी न पूछा,
खामोश क्यों हो तुम…




गुजरती बेक़रारी में न कम कर उम्र फिर सारी,
कि हम भूले से कर बैठे मोहब्बत एक बेदिल से।

ऐसे तो हर कोई
प्यार प्यार कहता रहता हैं,
मगर एक सच्चे प्यार की कीमत वही जानता हैं,
जिसने प्यार तो किया हैं,
मगर उसे उसका प्यार मिला ही नहीं..




न अपने साथ हूँ,
ना तेरे पास हूँ,
बस कुछ दिनों से,
बस युही उदास हूँ।




आदत बना ली मैंने खुद को
तकलीफ देने की
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे
तो ज्यादा तकलीफ न हो…




ज़िंदगी में हर मौके का फायदा उठाओ,
मगर किसी के भरोसे का नहीं…




छोड़ दिया हमने लोगों का पीछा करना,
जिससे जितनी मोहब्बत की,
उसने उतना ही गिरा हुआ समझा..




लोग कहते हैं दुख बुरा होता हैं,
जब कभी भी आता हैं रुलाकर चला जाता हैं,
हम कहते हैं दुख अच्छा होता हैं,
जब कभी भी आता हैं,
अपनो का पता चल जाता हैं..




हम दोनों धोखा खा गए हैं,
मैंने तुम्हें औरों से अलग समझा,
और तुमने मुझें औरों जैसा समझा…




रोज ढलती हुई शाम से डर लगता है,
अब मुझे इश्क के अंजाम से डर लगता है,
जब से मिला है धोखा इस इश्क़ में,
तब से इश्क़ के नाम से भी डर लगता है।
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है


आज उसने एक और दर्द दिया हैं,
तो मुझे याद आया,
मैंने ही तो दुवाओ में,
उसके सारे गम मांगे थे..




Prakash Roy

Prakash Roy, the founder of pktric.club. I have completed B Tech in-stream Electrical & Electronic Engineering. I love to share my knowledge and Creativity.....

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