Shayari on dil | मेरे दिल शायरी

Shayari on dil



Shayari on dil ki baat | hindi shayari on dil | सच्चे दिल की शायरी | दिल लव शायरी |
Dil Shayari



इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।

मेरे लबों का तबस्सुम तो सबने देख लिया,
जो दिल पे बीत रही है वो कोई क्या जाने।




फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका ग़ुरूर,
फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कुसूर।




तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओं को,
बाकी सारी बातें अच्छी है तेरी तस्वीर में।




काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता,
ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता।




हजारों ना-मुकम्मल हसरतों के बोझ तले,
दिल अब भी धड़कता है तो कमाल करता है।




तमाम उम्र इसी जुस्तजू में गुजरी है,
कभी समझ में नहीं आया मसहला दिल का।




सब खसारों को जमा करके ये हासिल निकला,
दिल-ए-नादाँ की कोई बात न मानी जाये।




जाने वाले दिल को पत्थर कर गए,
फिर किसी को देख कर दिल धड़का ही नहीं।




तेरा ख़याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू,
इक भीड़ सी लगी है मेरे दिल के शहर में।




दिल लेके मुफ्त कहते हैं कुछ काम का नहीं,
उल्टी शिकायतें हुईं अहसान तो गया।




इश्तेहार दे दो कि ये दिल खाली है,
वो जो आया था किरायेदार निकला।



अर्ज़ किया है-
दिल की बातें हर किसी के ,
समझ में नहीं आती।
सिर्फ उन्हें है आती ,
दिल में जिनके
मोहब्बत घर कर जाती।


दिल तुम्हें चाहता है ये कैसे बताऊ,
इंतज़ार की ये घड़ियां कैसे बिताऊ।
जितना तुम तड़पते हो, उतना हम भी है तड़पते
कब आएंगे वो दिन, जब तुमसे रिश्ता निभाऐंगे।


दिल की बात है दिल ही समझेगा,
दिमाग लगाओगे तो काम बिगड़ेगा
इतना भी क्या सोचना प्यार में ,
अगर है प्यार तो दिल हां कहेगा।




दिल से आपको याद करते है,
इंतज़ार में आपकी आहें भरते है।
कभी तो वो दिन आएंगे जब
हम कह दे , आपसे बहुत प्यार करते है।


जब मिलेंगे तो खूब रोयेंगे,
एक-दूजे की आँखों में खोएंगे।
दिल-से दिल का मिलन तब होगा,
एक-दूजे की बाहो में सोयेंगे।


उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी।






शब्दों से ही लोगों के दिलों पे राज
किया जाता है,
चेहरे का क्या, वो तो किसी भी
हादसे मे बदल सकता है।


दिल से ख़याल-ए-सनम भुलाया न जाएगा,
सीने में दाग़ है कि मिटाया न जाएगा।




दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है,
यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं।


फिर नही बसते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं,
कब्रे जितनी भी सजा लो पर जिन्दा कोई नही होता।


दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं,
जैसे बिछड़े हुये काबे में सनम आते हैं।




आरज़ू के दीए दिल में जलते रहेंगे,
मेरी आँखों से आंसू निकलते रहेंगे,
दिल में रौशनी तो करो तुम शमा बन के,
मोम बनकर हम यूं ही पिघलते रहेंगे।


दिल-ए-तबाह को ज़ख़्मों की कुछ कमी तो नहीं,
मगर है दिल की तमन्ना कि तुम फिर से वार करो।




दिल की कीमत तो मोहब्बत के सिवा कुछ न थी,
जितने भी मिले... सूरत के खरीदार मिले।




मेरे दिल को सुकून मिले,
जब तुम्हारे लबों पर मुस्कान हो,
जब तुम न दिखो तो लगे,
दिल में बेचैनियों का मकाम हो।




मेरा दिल भी कभी तुझसे पूछेगा एक दिन,
तू ने किसको आबाद किया मुझे बर्बाद करके।




धड़कते दिल की आवाज तुम हो,
सब से ज्यादा कुछ खास तुम हो,
हर पल एहसास होता है इतना,
जेसे मेरे दिल के पास तुम हो।




मेरे दिल की धड़कनो को,
तूने दिल बर धड़कना सीखा दिया,
जब से मिली है मोहब्बत तेरी मेरे दिल को,
गम में भी हंसना सीखा दिया।


ऐसा नहीं था कि,
दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी,
बस इतना समझ लो की,
हाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी।




इतना दिल से ना लगाया करो,
मेरी बातो को,
कोई बात दिल में रह गई,
तो हमे भुला नहीं पाओगे .




आज भी कितना नादान है,
दिल समझता ही नहीं,
बाद बरसों के उन्हें देखा,
तो दुआएं मांग बैठ।




दिल एक है तो,
कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है,
अगर निभाया जाये।




दिल की धड़कन बनकर दिल में रहोगे तुम,
जब तक सास है मेरे साथ रहोगी तुम।




जिस्म की जरूरत तुम्हे बहुत है, झुठी तमन्नाओ का क्या फ़ायदा, दिल तो तुम्हे मैने दिया ही था, अभी बदनाम करने का क्या फ़ायदा।



जब से मोहब्बत की बीमारी हुई है खफा मुझसे दुनिया सारी हुई है हकीकत कुछ और बया करती हैं जिन्दगी जब से करोना कि महामारी हुई है

फिर तमाशा हुआ आज उसकी गली में… मैं उसे, वो मुझे और लोग हमें देखते रहें…!! उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या हुआ फ़राज़ मैंने भी तो छोड़ा था सारा ज़माना उसके लिए




मुझे चाहिए कोई मेरे जैसा किसी बेहतर से मेरी बनती नहीं तुम आन बसो मेरी बाहों में दुनिया की फिज़ा अब ठीक नहीं…


धड़कते दिल की आवाज तुम हो,
सब से ज्यादा कुछ खास तुम हो,
हर पल एहसास होता है इतना,
जेसे मेरे दिल के पास तुम हो।




न हम रहे दिल लगाने के काबिल,
न दिल रहा ग़म उठाने के काबिल,
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर,
न छोड़ा उसने मुस्कुराने के काबिल।




होती नहीं है मोहब्बत सूरत से,
मोहब्बत तो दिल से होती है,
सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी,
कदर जिनकी दिल में होती है।




इस दिल की सरहद को पार न करना,
नाज़ुक है मेरा दिल इस पर वार न करना,
खुद से बढ़कर भरोसा किया है तुम पर,
इस भरोसे को तुम बेकार न करना।




इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।




अपने आँचल से बाँध लूं दिल को,
कहीं तेरे ख्यालों के साथ उड़ न जाये,
थाम लूँ हाथ इसका कसकर,
कहीं तेरी यादों में राह से मुड़ न जाये।




तुम कभी भी मोहब्बत,
आज़माकर देखना मेरी,
हम जिंदगी से हार जायेंगे,
मोहब्बत से नहीं।




दिल में हर बात आज भी वही है
ज़ाहिर है तुझ पे मेरा हक़ नहीं है
देखते देखते यु मंज़र बदल गया
तू मेरा होकर भी मेरा नहीं है।




ऐसा नहीं था कि,
दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी,
बस इतना समझ लो की,
हाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी।




हम ने सीने से लगाया
दिल न अपना बन सका,
मुस्कुरा कर तुम ने देखा
दिल तुम्हारा हो गया।


मोहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ !


कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है
तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है !


तेरा नाम था आज अजनबी की जुबान पर
बात जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !


तेरा ख़याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू इक
भीड़ सी लगी है मेरे दिल के शहर में !


दिल से ख़याल ए सनम
भुलाया न जाएगा सीने में दाग़ है
कि मिटाया न जाएगा !


फिर नही बसते वो दिल जो
एक बार उजड़ जाते हैं
कब्रे जितनी भी सजा लो
पर जिन्दा कोई नही होता !


उसके सिवा किसी और को चाहना
मेरे बस में नहीं ये दिल उसका है
अपना होता तो बात और थी !




ना जाने कौन सी दौलत हैं, कुछ लोगों के लफ़्जों में
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं !


रोशनी में कुछ कमी रह गई हो
तो बता देना ऐ सनम दिल आज भी
हाजिर है जलने को !


तेरी याद मेरे दिल से मिटती
तुम बसे हो मेरी निगाहो में
आँखो से तेरी सूरत हटती नही !


भले ही चले जाओ दूर हमसे तेरी यादों को हमनें महफूज़ रखा है
लौटकर आओगे उम्मीद है इसलिए दिल का दरवाजा हमने खुला रखा है !




दिल पागल है, रोज़ नई नादानी करता है
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है !



मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा




किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी
हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो
ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी




एक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयी
वो नज़र जो मुझे देखती रह गयी
रंग सारे ही कोई चुरा ले गया
मेरी तस्वीर अधूरी पड़ी रह गयी




मेरे दिल पर जितने तीर अपनों के लगते जायेंगे
मेरी कलम में अश्क उतने ही भरते जायेंगे
उतारूँगा जिस दिन इन अश्को को कोरे कागज पर कशम उस खुदा की
यारो मेरे दुश्मन भी मुझे पाने की चाहत में तड़प-तड़प कर मर जायेंगे






तेरी याद ने मेरा बुरा हाल कर दिया
तन्हा मेरा जीना मुहाल कर दिया
सोचा जो अब तुम्हे याद न करुँ
तो दिल ने धड़कने से इन्कार कर दिया

Prakash Roy

Prakash Roy, the founder of pktric.club. I have completed B Tech in-stream Electrical & Electronic Engineering. I love to share my knowledge and Creativity.....

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